महाकुंभ की इस योजना पर फिरा पानी,आने वाले पर्यटकों को इस बार भी नहीं मिलेगा ये अवसर…
महाकुंभ की इस योजना पर फिरा पानी,आने वाले पर्यटकों को इस बार भी नहीं मिलेगा ये अवसर…
महाकुंभ की तैयारी जोरों शोरों से चल रही है. इन दिनों इसकी झलक आपको शहर के हर ओर देखने को आसानी से मिल जाएगी. लेकिन कुछ ऐसे भी परियोजनाएं हैं जिनके इस साल पूरे होने में कठिनाई है.
सरकार हर स्तर पर प्रयागराज के महाकुंभ को ‘आउट ऑफ द वर्ल्ड’ बनाने की कोशिश में है, ताकि प्रयागराज और यूपी ही नहीं बल्कि पूरे देश का नाम ऊंचा हो. गौरतलब है कि इस आयोजन में दुनियाभर के लोगों के आने की उम्मीद है.
विदेशी तकनीक पर आधारित उपकरण उपलब्ध नहीं होने से महाकुंभ में संगम पर योगी आदित्यनाथ सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट रोपवे को पूरा नहीं किया जा सकेगा. इस वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक्स प्रबंधन लिमिटेड ने इस केबल कार प्रोजेक्ट को महाकुंभ के बाद शुरु कराने का निर्णय लिया है. एनएचएलएम ने इस आशय का पत्र प्रदेश सरकार को भेज दिया है.
दरअसल 2200 मीटर लंबे इस रोपवे के निर्माण के लिए मृदा परीक्षण के बाद पिलरों का निर्माण आरंभ कराना था. इस बीच विदेशी तकनीक पर इसके निर्माण के फ्रांस, स्विट्जरलैंड और स्वीडन की कंपनियों से संपर्क साधा गया था, लेकिन हाई क्वालिटी वाली विदेशी तकनीक वाले मशीनों की समय रहते उपलब्धता न होने की वजह से कंपनियों के समय रहते आपूर्ति में हाथ खड़े करने से परियोजना को स्थगित करना पड़ा.
महाकुंभ में एक दिन में इतने पर्यटकों को हवाई सैर कराने का था लक्ष्य
रोपवे से एक दिन में 12 हजार से अधिक पर्यटकों को संगम की हवाई सैर कराने का लक्ष्य रखा गया था.
इसके लिए रोपवे विनिर्माण और संचालन से आठ देशों की नामी कंपनियों से संपर्क किया गया था. परियोजना को केंद्र सरकार के राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम में शामिल किए जाने के बाद यह नया मोड़ आया है. इसके निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाणपत्र भी मिल चुका था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अलाइनमेंट का काम पूरा होने के बाद विदेशी उपकरणों की उपलब्धता न होने से इस प्रोजेक्ट को महाकुंभ के बाद शुरू कराने का निर्णय लिया गया है.
6 लेन ब्रिज का निर्माण नहीं हो सकेगा पूरा,विकल्प के तौर पर बनेगा स्टील ब्रिज
महाकुंभ में दो हजार करोड़ रुपये की लागत वाली सबसे बड़ी परियोजना सिक्स लेन सेतु का निर्माण भी पूरा नहीं हो सकेगा. नगर विकास मंत्री एके शर्मा के साथ शनिवार की शाम महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा में एनएचएआई के अफसरों ने यह स्पष्ट कर दिया. इसके विकल्प के तौर पर फाफामऊ में गंगा पर 600 मीटर लंबे स्टील ब्रिज का निर्माण किया जाएगा, ताकि लखनऊ, रायबरेली और अयोध्या से आने वाले श्रद्धालु आसानी से संगम पहुंच सकें. इस महाकुंभ में संगम पर ड्रीम प्रोजेक्ट रोपवे के भी निर्माण पर पेच फंसा है.