चंद्रशेखर आज़ाद पार्क- प्रयागराज में घूमने की जगह
चन्द्र शेखर आज़ाद पार्क जॉर्ज टाउन (सिविल लाइन की तरफ) प्रयागराज में स्थित है. यह केवल प्रयागराज का ही नहीं, पूरे उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा पार्क है, जो 133 एकड़ में फैला हुआ है. यह एक सार्वजनिक पार्क होने के कारण ये लोगों को अपनी आकर्षता से बांधता है.
चन्द्र शेखर आज़ाद की विशाल प्रतिमा
यहा बनी चन्द्रशेखर आज़ाद की विशाल स्मारक है. जो प्रवेश द्वार (गेट नंबर 3)के सीधा अंदर जाकर सामने की तरफ बनी हुई है। यह स्मारक पार्क का मुख्य केंद्र भी है. इस ऊंची स्मारक के सामने लोग खड़े होकर सेल्फी जरूर लेते हैं. लोग अपनी व्यस्त जीवनशैली में वक्त निकल कर यहां पर घूमना पसंद करते हैं. उनके चेहरे पर अलग ही शांति दिखती है और अपनी जीवनशैली को बेहतर बनाने का जज़्बा भी दिखता है. यहां दिन के समय में छात्र अक्सर पढ़ते हुए दिख जाते हैं.
चन्द्र शेखर आज़ाद पार्क में प्रयाग संगीत समिति है जो शास्त्री संगीत के लिए एक शैक्षिक संस्थान है. यहाँ पर सार्वजनिक पुस्तकालय भी है और साथ ही विक्टोरिया मेमोरियल भी इसी पार्क में है.
चंद्रशेखर आजाद पार्क में क्या है खास?
अगर आप प्रयागराज में पार्क में घूमने का प्लान बना रहे हैं तो चन्द्रशेखर आज़ाद पार्क एक सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। यह पार्क प्रकृति से जुड़ने का अनुभव कराता है और पर्यावरण की तरफ जागरूक भी करता है. आप यहां किसी भी समय घूमने आ सकते हैं. यहां पर तरह-तरह के पेड़ लगे हुए हैं और झरने भी हैं जो इस पार्क को आकर्षक बनाते हैं। गर्मी के मौसम में वृक्षों के नीचे बैठेकर शीतलता मिलती है और सर्दी के मौसम में भरपुर धूप और बारिश के मौसम में हरियाली देखने को मिलती है.
इस पार्क में लंबे रास्ते हैं जो विशाल पेड़ों से घिरा हुआ हैं. यहां आप जॉगिंग या वॉकिंग भी कर सकते हैं. इस पार्क में आप परिवार के साथ पिकनिक मनाने आ सकते है. यहां बच्चों के लिए तमाम तरह के झूले भी मौजुद हैं. इस पार्क में सार्वजनिक व्यायाम उपकरण भी है. इसका भी आप लाभ ले सकते हैं जो बिल्कुल मुफ्त है. यहाँ पर पानी पीने के लिए फिल्टर मशीन भी लगी हुई. अगर आपको पढ़ने में रुचि है तो यहां पर पब्लिक लाइब्रेरी है, यहां आप किताबें भी पढ़ते सकते हैं. इस पार्क में शाम के समय लाइट शो भी होता है और यहाँ हर साल पुष्प प्रदर्शनी भी लगाई जाती है.
चन्द्रशेखर पार्क का महत्व
चंद्र शेखर आज़ाद पार्क का इतिहास 18वीं सदी में जब इंग्लैंड के राजा अल्फ्रेड शहर यात्रा के लिए भारत ऐ थे तब उनकी यात्रा को यादों में संजोने के लिए 1870 में उनके नाम से पार्क का निर्माण किया गया था. उनके स्वागत पर ईस्ट इंडिया कंपनी ने अल्फ्रेड पार्क बनवाया था जो इलाहबाद के बीचो बीच में है. 1931 में स्वतंत्रता सेनानी चंद्र शेखर आज़ाद ने इसी पार्क में स्वयं को गोली मारी थी. आज़ादी के बाद इस पार्क का नाम बदल कर चंद्र शेखर आज़ाद पार्क रख दिया गया. इस पार्क को कंपनी बाग/अल्फ्रेड पार्क और फिर चंद्रशेखर आजाद के नाम से भी जाना जाता है.
चंद्रशेखर आजाद पार्क का इतिहास यहां पढ़ें
क्या आज़ाद पार्क में घूमने के लिए लेना पड़ता है टिकट?
जी हां , चंद्र शेखर सार्वजनिक पार्क में घूमने के लिए आपको टिकट भी लेना पड़ सकता है जिसका मूल्य सिर्फ 5 रुपये है. पांच साल से कम उम्र वाले बच्चों के लिए फ्री टिकट है.
टिकट लेने के लिए गेट के पास ही काउंटर है वहां आप पार्क में अंदर जाने से पहले टिकट ले सकते हैं.
आजाद पार्क का टिकट कब फ्री रहता है ?
वैसे तो आम दिनों में इस पार्क में टिकट लेना पड़ता है लेकिन कुछ विशेष दिन ऐसे हैं जिनमें सभी के लिए टिकट मुफ़्त कर दिए जाते हैं,जैसे गणतंत्र दिवस (26 जनवरी), स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त), चंद्र शेखर जयंती (23 जुलाई), मातृ दिवस (27 फरवरी) और गांधी जयंती (2 अक्टूबर).
हिना परवीन
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