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चंद्रशेखर आजाद पार्क प्रयागराज (Chandra Shekhar Azad Park Prayagraj)

साल 1870 में जार्ज पंचम (George Pancham) के चाचा अल्फ्रेड ड्यूक ऑवरी एडिनबरा भारत आए  थे. उस वक्त विलियम म्योर (William Myor) उस समय इलाहाबाद (Allahabad) प्रांत के लेफ्टिनेंट गवर्नर थे. उन्होंने ड्यूक को प्रयाग में निमंत्रित किया और इस मौके की याद के लिए अल्फ्रेड पार्क की नींव  उनसे रखावई.

मूल रूप से ब्रिटिश औपनिवेशिक युग के दौरान इसे अल्फ्रेड पार्क (Alfred Park )के रूप में जाना जाता रहा है. लेकिन वर्तमान में इसे लोग चंद्रशेखर आज़ाद पार्क या कंपनी गार्डन (Company Garden) के रूप में पुकारते हैं.

प्रयागराज (Prayagraj)के जॉर्ज टाउन में स्थित, यह पार्क 1870 में प्रिंस अल्फ्रेड के शहर में आने के एक महत्वपूर्ण चिह्न के रूप में स्थापित किया गया था. लेकिन बाद में इसी पार्क में चंद्रशेखर आजाद (Chandra Shekahr Azad)के शहीद होने के बाद इस पार्क का नाम बदलकर चंद्रशेखर आज़ाद पार्क (Chandra Shekhar Park) कर दिया गया. यह सबसे बड़ा स्थानीय पार्क है और 133-एकड़ में फैला है, जहां पर आप जॉगिंग से लेकर पिकनिक मना सकते हैं.

Azad's Pistol
Azad’s Pistol

(इस सेल्फ लोडिंग स्वचलित पिस्तौल का उपयोग क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद (1906-1931) द्वारा किया गया था. इसे वो ‘बम्तुल बुखारा’ कहते थे.नाम पूछे जाने पर मुंहतोड़ जवाब देकर कहा “आज़ाद”. आज़ादी के बाद वह उनका उपनाम हो गया. आज़ाद अंग्रेज़ों के विरुद्ध सशस्त्र संघर्ष में शामिल थे. उनके द्वारा किये गए विध्वंसों में काकोरी रेल घटना और वायसराय की ट्रेन को जलाने का प्रयास सम्मिलित है. आखिरी लड़ाई में तीन पुलिस कर्मियों को मौत के घाट उतारने के बाद आज़ाद ने 27 फरवरी,1931 को शहादत प्राप्त की.)

 

 

इस पार्क के अंदर इलाहाबाद संग्रहालय (Allahabd Museum)है.पार्क हाउस में जॉर्ज पंचम और विक्टोरिया की विशाल मूर्तियां भी हैं. वहीं चंद्रशेखर आजाद की कोल्ट रिवाल्वर को इलाहाबाद संग्रहालय में प्रदर्शन के लिए रखा गया है और उनके सम्मान में यहां एक स्मारक भी स्थित है.

chandrashekhar shot himself in Alfred Park
chandrashekhar shot himself in Alfred Park

 

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