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Mahatma Gandhi Intresting Story :इलाहाबाद में आखिरी संबोधन आनंद भवन में दिया,फिर ‘वो’ नहीं उनकी अस्थियां ही आईं प्रयागराज

Mahatma Gandhi Intresting Story : गांधी इलाहाबाद  (Prayagraj) कई बार आए जिनमें से वे 5 बार आनंनद भवन में रुके. वह 2 बार कांग्रेस की बैठकों के सिलसिले में आए. कहा जाता है कि कमला नेहरु अस्पताल के शिलान्यास और फिर उद्धाटन में भी गांधी इलाहाबाद (प्रयागाराज) आए थे. स्वतंत्रता आंदलोन का नेतृत्व करने से पहले भी वे एक बार इलाहाबाद आ चुके थे.
महात्मा गांधी आखिरी बार 1942 में प्रयागराज (इलाहाबाद) आए थे. उनके दर्शन के लिए भारी तादाद में लोग आनंद भवन पहुंचे तो भीड़ को देखते हुए सबसे मुलाकात कर पाना मुमकिन न होने के कारण बापू आनंनद भवन की छत से लोगों को संबोधित किया.

Mahatma Gandhi and Peasant Mobilisation in Allahabad, 1930

आनंद भवन में एक कमरा बापू के नाम पर रिजर्व है जिसमें उनका पलंग,कपड़े,चरखा,कुर्सी-मेज,पूजा के बर्तन,तीनों बंदरों का छोटा स्टैच्यू आज भी सुरक्षित रखा है.

30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी का दिल्ली के बिड़ला भवन में हत्या के बाद उनकी अस्थियां देशभर मे प्रवाहित करने के लिए भेजी गई थी. इसी क्रम में उनकी हत्या के करीब 13 दिन बाद यानी 12 फरवरी को उनकी अस्थियां प्रयागराज लाई गईं. यहां संगम में प्रवाहित करने से पूर्व अस्थिकलश आनंद भवन के आहाते में रखा गया जहां उनको श्रदांजलि देने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा था.

जिस ट्रक से गाँधी (Mahatma Gandhi ) के अस्थि कलश को संगम (Sangam) ले जाया गया उससे जुड़ी कुछ खास बातें

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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