Prayagraj: प्रयागराज का 118 साल पुराना पुल Curzon Bridge Prayagraj
गंगा नदी पर बना हुआ कर्ज़न ब्रिज़ इलाहाबाद (अब प्रयागराज) (Prayagraj/Allahabad) का तीसरा सबसे पुराना पुल है. शहर के पुराने यमुना नैनी ब्रिज़ (Naini Yamuna Bridge) और मेजा के पास टोंस नदी पर बने पुराने पुल के बाद तीसरा सबसे पुराना पुल है.
प्रयागराज को फैज़ाबाद और लखनऊ रेलमार्ग से जोड़ने वाले इस पुल को बनाने की मंजूरी 1901 में मिली.और जनवरी 1902 में पुल बनाने का काम शुरु हुआ. इसे 15 जून 1905 को रेलवे यातायात के लिए और 20 दिसम्बर 1905 को सड़क यातायात के लिए खोला गया. शहर के उत्तरी हिस्से में बना यह रेल कम सड़क पुल है..
पुल का नामकरण
इसको बनाने वाली टीम के चीफ़ इंजीनियर रॉबर्ट रिचर्ड गेल्स थे. साल 1899 से 1905 तक भारत के वायसराय रहे लॉर्ड कर्ज़न के नाम पर इस पुल का नामकरण कर्ज़न ब्रिज़ किया गया था. आज़ादी के बाद इस पुल का आधिकारिक नामकरण मोतीलाल नेहरू सेतु (Motilal Nehru Setu) किया गया था. लेकिन इस पुल को आज भी लोग लॉर्ड कर्ज़न पुल (Curzon Bridge Prayagraj) के नाम से ही जानते हैं.
आवगमन बंद करने का फैसला
93 साल तक उपयोग के बाद रेल और सड़क यातायात के लिए पुल को असुरक्षित बताते हुए भारतीय रेलवे ने 1998 में इस पुल को बंद करने का फैसला किया. इस पुल अंतिम रेल प्रयागराज से लखनऊ (Prayagraj – Lucknow) जाने वाली गंगा गोमती एक्सप्रेस (Ganga-Gomati Express) गुजरी थी.आज इस पुल की आयु 118 साल हो गई है.
शहर का स्काईवॉक (Skywalk)
यह पुल फाफामऊ सड़क सेतु और रेलवे पुल के बीच में उपस्थित है. पुल डबल डेकर बस के जैसे है. नीचे रेलवे का पुल है और उसके ऊपर सड़क पुल है.पुल की काफी ऊंचाई होने के कारण इस पर टहलने से शहर के एक बड़ा हिस्से का नजारा आराम से लिया जा सकता है. इसलिए इस ब्रिज को शहर में स्काईवॉक के नाम से भी जाना जाता है.
साल 2017 में शहर के लोगों के भारी विरोध के बाद रेलवे द्वारा इस पुल को गिराने का फैसला टाल दिया गया. शहर के लोगों का कहना है कि यह ऐतिहासिक धरोहर के रूप में है इसे गिराने के बजाए संरक्षित करने की आवश्यक्ता है. लोगों ने इस पुल को बचाने के लिए दिवाली के मौके पर मोमबत्ती से सजा दिए थे और अब इसे टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित करने की योजना बनाई जा सकती है.
पुल पर आर्ट गैलरी, रिवर म्यूजियम, ओपेन रेस्टोरेंट से लेकर अन्य टूरिज्म प्वाइंट विकसित किए जाएंगे. इस पर खासतौर से सेल्फी प्वाइंट भी बनाया जाएगा. कर्जन ब्रिज को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की योजना बन रही है.
हो चुकी है फिल्म की शूटिंग
कर्जन ब्रिज़ (Curzon Bridge Prayagraj) न सिर्फ ऐतिहासिक ब्रिज है बल्कि दो पुलों वाला ब्रिज़ भी है. पुल के दोनों ओर दूर तक फैली गंगा का विशाल रूप देखने को मिलता है.साथ ही शहर का उत्तरी भाग खूब दूर तक दिखता है. इस पुल को दोनों तरफ एक-एक ब्रिज और हैं. लिहाजा कर्जन ब्रिज़ फोटोग्राफी के शौकीन लोगों के लिए यह एक उपयुक्त जगह हो सकती है. यह ब्रिज शहर का सन सेट प्वाइंट भी है.
आपको बता दें कि बॉलीवुड की प्रचलित फिल्म “शादी में जरूर आना” में शहर के कई हिस्सों के साथ ही इस पुल को भी फिल्माया गया है.यही नहीं इस फिल्म के गानों के पोस्टर में भी ब्रिज की लोकेशन वाली फोटो का इस्तेमाल किया गया है.
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