प्रयागराज के इस शख्सियत को ‘राजभाषा गौरव’ पुरस्कार से नवाजा जाएगा

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प्रयागराज के इस शख्सियत को ‘राजभाषा गौरव’ पुरस्कार से नवाजा जाएगा

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज़ के कोर्स कोआर्डिनेटर डॉ. धनंजय  चोपड़ा को भारत सरकार के राजभाषा विभाग का प्रतिष्ठित राजभाषा गौरव पुरस्कार दिए जाने की घोषणा  हुई  है. अगले महीने हिंदी दिवस के अवसर पर उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा.

इस पुस्तक के लिए सम्मान

नेशनल बुक ट्रस्ट से प्रकाशित  धनंजय चोपड़ा की पुस्तक ‘भारत में कुंभ’ के लिए उन्हें राजभाषा गौरव पुरस्कार दिए जाने का एलान हुआ है. इस पुस्तक में कुंभ से जुड़ी कथाएं, इतिहास, अखाड़ों का रोमांच, नागा साधुओं की भूमिका, कल्पवास के साथ-साथ व्यावसायिक दृष्टि से कुंभ के महत्व पर विचार है.

दिल्ली के भारत मंडपम में होंगे सम्मानित

अगले महीने 14 सितंबर को हिंदी दिवस के अवसर पर दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित समारोह में डॉ. धनंजय चोपड़ा को राजाभाषा गौरव पुरस्कार प्रदान किया जाएगा.

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अबतक कई पुरस्कार से नवाजे जा चुके हैं धनंजय चोपड़ा

प्रयागराज के धनंजय चोपड़ा वरिष्ठ पत्रकार ,लेखक , अनुवादक और स्तंभकार हैं. अब तक मीडिया, व्यंग्य, कहानी व बाल साहित्य पर उनकी 15 पुस्तकें प्रकाशित

हो चुकी है. उन्हें के के बिरला फेलोशिप व संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की सीनियर फेलोशिप के साथ-साथ उन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के भारतेंदु हरिश्चंद, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के बाबूराव विष्णु पराड़कर पुरस्कार व धर्मवीर भारती तथा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के महात्मा गांधी हिंदी लेखन पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.

यह मेरे लिए गर्व की बात है. पुरस्कार हमेशा पहले से बेहतर करने का संबल प्रदान करते हैं –  पुरस्कार दिए जाने की घोषणा के बाद हर्ष व्यक्त करते हुए बोले डॉ. धनंजय चोपड़ा

 

अपने शहर प्रयागराज में एक सड़क जिसका नाम किसी नेता,अभिनेता पर नहीं बल्कि ‘जीरो’  क्यों है? जानते हैं… 

 

युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत

डॉ चोपड़ा इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के मीडिया स्टडीज़ में छात्रों को मीडिया के गुर सीखाते हैं. साथ ही वह उन्हें हमेशा कुछ नया रचने-बसने की प्रेरणा देते रहते हैं. न सिर्फ छात्रों को वह कहते हैं बल्कि वह खुद समय-समय पर ऐसा करके उदाहरण स्थापित करते रहते हैं. उनका मानना है कि कोई जिंदा है तो उसे जिंदा होने का सबूत हमेशा देते रहना चाहिए.

 

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