Magh Mela Prayagraj:माघ में संगम स्नान क्यों?

4
kumbh-magh mela prayagraj

Magh Mela Prayagraj तीर्थराज प्रयागराज में माघ के महीने में विशेष रूप से कुंभ (Kumbh) के अवसर पर गंगा यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान का बहुत ही महत्व बताया गया है. अनेक पुराणों में इसके प्रमाण भी मिलते हैं . ब्रह्मा पुराण के अनुसार संगम स्नान का फल अश्वमेध यज्ञ के समान कहा गया है. अग्नि पुराण के अनुसार प्रयागराज (Prayagraj) में प्रतिदिन स्नान का फल उतना ही है जितना कि प्रतिदिन करोड़ों गाय दान करने से मिलता है. मत्स्य पुराण में कहा गया है कि 10000 या उससे भी अधिक तीर्थों की यात्रा का जो पुण्य मिलता है उतना ही माघ के महीने में संगम स्नान से मिलता है. क्या आप जानते हैं प्रयागराज का सबसे भूतिया स्टेशन के बारे में?

पद्म पुराण में माघ मास में प्रयागराज का दर्शन दुर्लभ कहा गया है और यदि यहां स्नान किया जाए तो वह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है. यहां पर मुंडन कराना भी श्रेष्ठ फलदायी कहा गया है. मत्स्य पुराण कहता है कि प्रयागराज में मुंडन के पश्चात संगम स्नान करना चाहिए. स्कंद पुराण के काशी खंड में भी प्रयागराज में मुंडन की महत्ता बताई गई है. जैन धर्म मानने वाले यहां केशलुंचन को महत्वपूर्ण मानते हैं . आदि तीर्थंकर ऋषभ देव ने अक्षय वट (Akshayvat) के नीचे के केशलुंचन किया था.

4 thoughts on “Magh Mela Prayagraj:माघ में संगम स्नान क्यों?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed