इलाहाबाद हाईकोर्ट के गौरवशाली इतिहास को बनाये रखना व आगे ले जाना हम सब की जिम्मेदारी – किरण रिजिजू

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इलाहाबाद हाईकोर्ट के गौरवशाली इतिहास को बनाये रखना व आगे ले जाना हम सब की जिम्मेदारी – किरण रिजिजू

केन्द्रीय मंत्री, विधि एवं न्याय किरन रिजूजू (Kiran Rijiju)ने शनिवार को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद के स्थापना के 150 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के समापन में बतौर मुख्य अतिथि सम्मिलित हुए.
इस अवसर पर  केन्द्रीय मंत्री  ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, इलाहाबाद के 150 वर्ष पूरे होने के पर शुभकामनाएं देते हुए सभी को धन्यवाद दिया और कहा कि मुझे यहां दूसरी बार आने का मौका मिला और इलाहाबाद हाईकोर्ट के गौरवशाली इतिहास को महसूस कर रहा हूं.

देश का सबसे बड़ा हाईकोर्ट होने के नाते जब यहां से कोई अच्छा कार्य व सफलता प्राप्त होती है तो वह पूरे देश के लिए उदाहरण बन जाता है. उन्होंने कहा कि इसलिए इसके गौरवशाली इतिहास को बनाये रखना व आगे ले जाना हम सब की जिम्मेदारी है.

संविधान हमारा गाइड – कानून मंत्री

मंत्री  ने कहा कि सरकार, बार व बेंच हम सब एक ही है और हम सभी मिलकर देश के लिए कार्य कर रहे है. इस देश के मालिक इस देश के लोग है और हमारा गाईड हमारा संविधान है तथा हम सभी लोग सेवक है और जनता की सेवा करने के लिए आयें है. उन्होंने कहा कि हम सभी में से ही कोई जज है, अधिवक्ता है या उच्चाधिकारी है.हम सभी लोग बड़े खुशकिस्मत है कि हमें जनता की सेवा करने का इतना बड़ा अवसर प्राप्त हुआ है.

सभी को सस्ता, सुलभ व समय से न्याय प्राप्त हो, यहीं हमारा उद्देश्य – केन्द्रीय मंत्री, विधि एवं न्याय

उन्होंने कहा कि आज देश में लगभग 4 करोड़ 90 लाख केसों की पेंडेंसी है, जो एक चुनौती के रूप में है. उन्होंने कहा कि अन्य माध्यमों के साथ-साथ टेक्नोलाॅजी के माध्यम से भी पेंडेंसी को कम करने के लिए उपाय किए जा रहे है. आप सबका भी सहयोग इस कार्य में सराहनीय रहा है. हम सबकों मिल जुलकर इस सम्बंध में और अधिक प्रयास करने होंगे. उन्होंने कहा कि हम सभी का उद्देश्य सभी को सस्ता, समय से व सुलभ न्याय प्राप्त कराना है. उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में ई-कोर्ट का कार्य बहुत तेजी से हो रहा है.

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उन्होंने न्यायपालिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि न्यायपालिका ने कोविड के समय जब संक्रमण उच्च स्तर पर था, तब भी इसे चुनौती के रूप में लेते हुए न्याय देने की प्रक्रिया को जारी रखा और कई करोड़ मामलों को निस्तारित किया. ई-कोर्ट फेज-3 की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गयी है और इसके लिए आवश्यक बजट की व्यवस्था की गयी है. इसकी शुरूआत हो जाने पर दूर-दराज जनपद से आने वाले लोगो को फायदा होगा. ई-कोर्ट फेज-3 के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की अग्रणी भूमिका होगी.

लीगल शब्दकोष बनाने की तैयारी

उन्होंने बताया कि 65 हजार लीगल शब्दों का शब्दकोष तैयार किया जा रहा है, जिससे कि लीगल टर्मीनोलाॅजी को आसानी से समझा जा सके. गैर जरूरी अंग्रजों के समय से चले आ रहे कानूनों को समाप्त करने का कार्य किया है. हमें ऐसी व्यवस्था बनाने पर विचार करना होगा, जिससे आम आदमी/गरीब आदमी व दूर-दराज से आने वाले लोगो के छोटे-छोटे मुकदमें लोकल स्तर पर ही समाप्त हो जाये. इस कार्य हेतु लीगल सर्विशेज कैम्प लगाकर इस समस्या का समाधान किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि आज यहां पर जो भी हाईकोर्ट के विकास से सम्बंधित मुद्दे उठाये गये है, उस पर विचार करना मेरी जिम्मेदारी है, इसलिए लाईब्रेरी व अन्य विषयों को आगे बढ़ाने का कार्य किया जायेगा. हम सभी को जल्द से जल्द न्याय दे सके, इस मुहिम पर हम सभी मिलकर कार्य करते रहे.

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HC न्यायमूर्ति  कृष्ण मुरारी ने अपने अनुभव साझा किए

उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति  कृष्ण मुरारी ने बार एसोसिएशन हाईकोर्ट के 150 वर्ष पूरा होने पर बधाई देते हुए कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन अपनी गौरवशाली प्रतिष्ठा को निभा रहा है. मैं इसके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं. उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए गर्व का विषय है कि मैं भी इस बार एसोसिएशन का सदस्य रहा हूं तथा उन्होंने यहां के बारे में अपने अनुभव साझा किए.

उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति विक्रमनाथ  ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद के 150 वर्ष पूरा होने पर बधाई देते हुए इलाहाबाद बार एसोसिएशन के अतीत के बारे में अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा कि जैसा की मुझे बताया गया है कि वर्तमान समय में इस एसोसिएशन में लगभग 31 हजार अधिवक्ता है, जो कि एक बहुत विशाल संख्या है. उन्होंने कहा कि इस बार एसोसिएशन ने 150 वर्षों में अनेक नगीने दिए है, उन सभी लोगो का ह्रदय से नमन करता हूं, जिन्होंने इसे इस मुकाम तक ले जाने में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है. हम इसके उज्जवल भविष्य की कामना करते है.

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इस अवसर पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के मुख्य न्यायमूर्ति  राजेश बिंदल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (Allahabad High Court Bar Assocation)(Allahabad High Court Bar Assocation) के 150 वर्ष पूरा होने पर बधाई देते हुए कहा कि मैं अपने आपको सौभाग्यशाली मानता हूं कि इस कार्यक्रम में मुझे भी प्रतिभाग करने का अवसर मिला है. उन्होंने कहा कि हम सभी को इस पर भी विचार करने की आवश्यकता है कि हम कहां से चले थे और कहां पर पहुंचे है और कहां पर पहुंच सकते थे. हमेशा हमारा उद्देश्य शीर्ष पर पहुंचना ही होना चाहिए.

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इस अवसर पर  न्यायमूर्ति इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) प्रीतिंकर दिवाकर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि इस बार एसोसिएशन ने बहुत से महान विभिूतियों को दिया है. उन्होंने कहा कि इतने बुद्धिजीवी एक साथ एक छत के नीचे इकट्ठा होते है, यह बहुत ही गौरव की बात है. उन्होंने अधिवक्ताओं से अपील करते हुए कहा कि मुकदमों के निस्तारण में वे सभी अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करें. Prayagraj: संगम नगरी रेलखंड का होगा दोहरीकरण

इस अवसर पर इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (Allahabad High Court Bar Assocation)के अध्यक्ष  राधाकांत ओझा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट एवं इलाहाबाद बार एसोसिएशन के गौरवशाली इतिहास के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन न केवल भारतवर्ष बल्कि एशिया का सबसे बड़ा बार एसोसिएशन होने का गौरव प्राप्त कर चुका है. उन्होंने कहा कि यह बार एसोसिएशन अपनी गौरवशाली परम्परा के साथ अंगिनत उपलब्धियों को संजोय हुए अनवरत आगे बढ़ रहा है. उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले यहां के सभी अधिवक्ताओं की भूमिका को याद किया.

कार्यक्रम के अंत में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महामंत्री  सत्यधीर सिंह जादौन ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया. इस अवसर पर  न्यायमूर्तिगण, वरिष्ठ अधिवक्तागण, महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा के अलावा काफी संख्या में अधिवक्तागण व वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारीगण उपस्थित रहे.

 

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